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17 Mar 2024 · 1 min read

तन्हा शामें

हर शाम तन्हाइयों से भरी रहती है निगाहें बस उन्हीं निगाहों की तलाश में रहतीं हैं उसकी मधुर आवाज़ सुनने को कान बेताब रहतें हैं
फिर से हाथ पकड़ कर राहों में चलनें का इंतजार करतें हैं , उसकी बातें, मुलाकातें, हरकतें और उसकी यादों की लहर मेरे दिल में कुछ पल के लिए उन मोहब्बत की शामों की झलक दिखलाती है ये तन्हा शामें उसकी याद दिलाती हैं।
साथ गुजारी हुई शामों की सुनहरी यादें तन्हा सी शाम में मेरे दिल में उसकी यादों को और भी गहरा करतीं हैं मेरे तन मन को सराबोर करतीं हैं ये तन्हा शामें कुछ पल के लिए मेरी आंखों में उसकी मुस्कान लाती हैं।
ये तन्हा शामें मेरे इन्तजार को हिम्मत दिलातीं हैं

हजारों तन्हा शामों की इक शाम मुलाकात की शाम में तब्दील होगी ,
बस इसी उम्मीद में हर शाम गुजर जाती है।

मेरी आंखों में तेरी आंखों को देखता हूं।
तन्हा शाम में भी तेरी मुस्कान देखता हूं।।
शिव प्रताप लोधी

Language: Hindi
148 Views
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