Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Mar 2024 · 1 min read

तन्हा शामें

हर शाम तन्हाइयों से भरी रहती है निगाहें बस उन्हीं निगाहों की तलाश में रहतीं हैं उसकी मधुर आवाज़ सुनने को कान बेताब रहतें हैं
फिर से हाथ पकड़ कर राहों में चलनें का इंतजार करतें हैं , उसकी बातें, मुलाकातें, हरकतें और उसकी यादों की लहर मेरे दिल में कुछ पल के लिए उन मोहब्बत की शामों की झलक दिखलाती है ये तन्हा शामें उसकी याद दिलाती हैं।
साथ गुजारी हुई शामों की सुनहरी यादें तन्हा सी शाम में मेरे दिल में उसकी यादों को और भी गहरा करतीं हैं मेरे तन मन को सराबोर करतीं हैं ये तन्हा शामें कुछ पल के लिए मेरी आंखों में उसकी मुस्कान लाती हैं।
ये तन्हा शामें मेरे इन्तजार को हिम्मत दिलातीं हैं

हजारों तन्हा शामों की इक शाम मुलाकात की शाम में तब्दील होगी ,
बस इसी उम्मीद में हर शाम गुजर जाती है।

मेरी आंखों में तेरी आंखों को देखता हूं।
तन्हा शाम में भी तेरी मुस्कान देखता हूं।।
शिव प्रताप लोधी

Language: Hindi
121 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from शिव प्रताप लोधी
View all

You may also like these posts

-अपनी कैसे चलातें
-अपनी कैसे चलातें
Seema gupta,Alwar
कविता :- दुःख तो बहुत है मगर.. (विश्व कप क्रिकेट में पराजय पर)
कविता :- दुःख तो बहुत है मगर.. (विश्व कप क्रिकेट में पराजय पर)
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
- ଓଟେରି ସେଲଭା କୁମାର
- ଓଟେରି ସେଲଭା କୁମାର
Otteri Selvakumar
धूप छांव
धूप छांव
प्रदीप कुमार गुप्ता
किस बात की चिंता
किस बात की चिंता
Anamika Tiwari 'annpurna '
दिल से दिलदार को मिलते हुए देखे हैं बहुत
दिल से दिलदार को मिलते हुए देखे हैं बहुत
Sarfaraz Ahmed Aasee
*नेता से चमचा बड़ा, चमचा आता काम (हास्य कुंडलिया)*
*नेता से चमचा बड़ा, चमचा आता काम (हास्य कुंडलिया)*
Ravi Prakash
शीर्षक -नेकी की राह पर तू चल!
शीर्षक -नेकी की राह पर तू चल!
Sushma Singh
देवघर मरघट में
देवघर मरघट में
श्रीहर्ष आचार्य
4032.💐 *पूर्णिका* 💐
4032.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
पके फलों के रूपों को देखें
पके फलों के रूपों को देखें
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
रुपयों लदा पेड़ जो होता ,
रुपयों लदा पेड़ जो होता ,
Vedha Singh
*एक बूढ़ी नदी*
*एक बूढ़ी नदी*
Priyank Upadhyay
अंधेर नगरी
अंधेर नगरी
Dr.VINEETH M.C
संवेदना ही सौन्दर्य है
संवेदना ही सौन्दर्य है
Ritu Asooja
जन्म-जन्म का साथ.....
जन्म-जन्म का साथ.....
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
बिन पैसों नहीं कुछ भी, यहाँ कद्र इंसान की
बिन पैसों नहीं कुछ भी, यहाँ कद्र इंसान की
gurudeenverma198
आपकी याद जब नहीं है तो क्यूं,
आपकी याद जब नहीं है तो क्यूं,
Dr fauzia Naseem shad
शीत .....
शीत .....
sushil sarna
यक्षिणी-12
यक्षिणी-12
Dr MusafiR BaithA
मेरा विचार आपके साथ
मेरा विचार आपके साथ
कृष्णकांत गुर्जर
घृणा
घृणा
Rambali Mishra
शाकाहार बनाम धर्म
शाकाहार बनाम धर्म
मनोज कर्ण
तमन्ना उसे प्यार से जीत लाना।
तमन्ना उसे प्यार से जीत लाना।
सत्य कुमार प्रेमी
वह मुझे दोस्त कहता, और मेरी हर बेबसी पर हँसता रहा ।
वह मुझे दोस्त कहता, और मेरी हर बेबसी पर हँसता रहा ।
TAMANNA BILASPURI
■ मेरा जीवन, मेरा उसूल। 😊
■ मेरा जीवन, मेरा उसूल। 😊
*प्रणय*
पराया
पराया
Mansi Kadam
चाहे हम कभी साथ हों न हो,
चाहे हम कभी साथ हों न हो,
Jyoti Roshni
बाण मां के दोहे
बाण मां के दोहे
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
याद है मुझे
याद है मुझे
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
Loading...