तन्हा तन्हा ही चलना होगा
जिंदगी में तन्हा तन्हा ही चलना होगा
दरिया छोड़ पयोधि को तालाशना होगा
मंजिल तक तन्हा तन्हा ही चलना होगा
अपनी नग्न नयनों से देखो
जिंदगी कैसे तन्हा तन्हा चलती
सूरज को देखो, चंदा को देखो
नभ में टिम टिमाते तारों को देखो
जग को प्रकाशित करता कौन ?
तन्हा तन्हा ही चलना होगा
मंजिल तक पहुंचना होगा…
✍️ अमरेश कुमार वर्मा