तन्हा ए-दिल
दर्द जुदाई का तन्हा-ए- दिल..
तुझको पुकारे आके तू मिल ।।
दर्द ए मेरा किसको बताऊ..
जो हमे बीती हैं किसको सुनाऊं।।
ढूढ़ लिया सारे जग में मैंने…
बन न सका कोई तेरे जैसा अपने.
गम की बेरुखी हैं गम के आंसू..
गम में हैं भीगे प्यार के प्यासे।।
कैसे अपनी प्यास बुझाऊं….
किस झरने को अपना बनाऊं।।
कोई नही साथी साथ चले जो..
कोई नही अपना गले मिले जो।।
जहां जहां जाऊं दर्द ही पाऊं….
दर्द इतना गहरा सो नही पाऊं।।
चारो तरफ हैं मेरे अँधेरा…
होगा न कभी सबेरा।।
एक सनम के खातिर देखो….
दिल मेरा रोता तू देखो।।।
हर पल तेरी प्यार की बाते..
याद हैं आती हर मुलाकाते।।
कैसे इन यादो को मिटाऊं..
कौन हैं अपना गले से लगाऊं।।
हर उम्मीदे टूट गयी…
खुशिया रूठ गयी।।।
करते थे कभी प्यार की बाते…
अब अफ़साने हुई वो राते।।।
चलते थे कभी साथ सनम के…
रहते थे कभी साथ सनम के।।
साथ जो छुटा सबकुछ छुटा…
सांसो से सरगम हैं टूटा ।।।।
प्यार नही करना प्यार हैं धोखा…
यही हैं जीवन का लेखा जोखा।।
अब चलते गम की दुनिया में….
जहां सनम से मिलते ख्वाबो में।।
दर्द को ही प्यार मानू गम के सनम मैं जानू…
डूब चूका हूँ गम में इतना तेरा सिवा न किसको पहचानू।।।