तन्हाई से यु लिपटे…
तन्हाई से यूं लिपटे की शाखें दिल की टूटी है ,
बेवजह ही सही आज हमारी फिर गाड़ी छूटी है …
यूं नजरों को बिछाये रास्ते तेरी राह तकते ,
अरमानों को दिल में दबाये होंठों पर हँसी झूठी है…
नाराजगीयां इतनी बढ़ जायेगी की कम ना हो ,
आँखें तेरी नम ना हो इसलिये किस्मत मेरी फूटी है …
यही हर लम्हा तेरी यादों के साये में बसर करते ,
जिंदगी का बहाना है जीने का यही दास्तान बटी है …
खुश किस्मत होते है वो लोग जो प्यार नहीं करते ,
वरना प्यार में तो यही दुर्घटनायें हमेशा घटी है …
सो जाऊँ मैं उसी ख्वाब के लिए जो ख्वाब था,
लेकिन खामोशियों से ही हाथ की लकीरें हटी है…