तन्हाई को जश्न दे चुका,
![](https://cdn.sahityapedia.com/images/post/0b5a058f1f61a0eafd9954b69cff2c2a_290b64b3eacefdb2226616d31a1071ce_600.jpg)
तन्हाई को जश्न दे चुका,
मन का संगीत लग चुका,
रंगीन शाम की सजी है महफिल,
जहाँ न कोई कमी, पर
नि: शब्द का रूह ज्वार भाटा,
आवाज कौन दे ?
गौतम साव
तन्हाई को जश्न दे चुका,
मन का संगीत लग चुका,
रंगीन शाम की सजी है महफिल,
जहाँ न कोई कमी, पर
नि: शब्द का रूह ज्वार भाटा,
आवाज कौन दे ?
गौतम साव