तन्हाइयों ने ली अंगड़ाई है।
तन्हाईयों ने ली अंगड़ाई है।
फिर भी नींद ना हमको आई है।।1।।
शिकस्ता-हाल जिन्दगी है।
देखो कितनी बढ़ गईं मंहगाई है।।2।।
बड़ी शान वाला इलाही है।
तारीफे खुदा को ना रौशनाई है।।3।।
तुझसे बातें करते हुए देखो।
हंसते-हंसते आंख भर आई है।।4।।
शर्मों हया ना रही कहीं पे।
नंगेपन पे जवानी उतर आई है।।5।।
समझ रहे हो जिन्हें मोती।
शबनम की बूंदों की परछाई है।।6।।
ताज मोहम्मद
लखनऊ