#कुंडलिया//हल
रहना नहीं तनाव में , मस्ती में कर काम।
लग्न आपकी देखकर , भला करेंगे राम।।
भला करेंगे राम , शुद्धता उर की रखना।
बीज बनेगा वृक्ष , सब्र का फल तू चखना।
सुन प्रीतम की बात , महल निश्चित है ढ़हना।
ढहकर फिर नव रूप , सोचकर संभव रहना।
#आर.एस. ‘प्रीतम’