तनाव भरी जिंदगी
सर्वप्रथम तनाव का अर्थ क्या होता हैं। तनाव में होने पर व्यक्ति को ये महसूस होता हैं कि उसकी जिंदगी का कोई महत्व नहीं है या वह व्यक्ति किसी काम का नहीं हैं ये भावनाएं उसके मन में आती हैं जिसके वजह से सब के होते हुए भी वह अंदर ही अंदर अकेलापन महसूस करता हैं ऐसे समय में मन में विचार भी आते हैं की मेरी जिंदगी बेकार है तो उसके कारण मन मे आत्महत्या जैसे विचार भी आने लगते हैं। तनाव का एक कारण हैं की उस व्यक्ति के पास भविष्य का कोई प्लान ना होना जिसके अनुसार वह काम कर सके लेकिन कोई लक्ष्य ना होने के आभाव में वह कोई काम ना कर तनाव महसूस करता हैं। लेकिन अगर सोचा जाए तो तनाव का मुख्य कारण ज्यादा सोचना होता है और ये ज्यादा सोचना बहुत खतरनाक होता है इस सोचने के कारण मनुष्य अपने वर्तमान जीवन पर ध्यान ना देकर हमेशा उदास रहता हैं और ये डर भी लगा होता हैं की मैं क्या कर रहा हूं, मेरा क्या होगा। किसी दूसरे व्यक्ति से आशा रखना भी इस तनाव नामक बीमारी का कारण हैं। तथा जब कोई सपना या चाहा काम पूरा ना हो तब तनाव की स्थिति आती हैं जो आत्मविश्वास को गिरा देती हैं।
इस तनाव के कारण मन में बेचैनी रहती हैं वा किसी भी काम में मन नहीं लगता हैं।
तनाव को चरम सीमा में पहुंचाने का काम अभी की ताज़ा स्थिति अर्थात देश भर लॉकडॉउन हैं जिससे लोग इस सोच में पड़ गए हैं की हमारे व्यवसाय का क्या होगा वा हमारा गुजारा आगे कैसे होगा।
तनाव दूर करने के उपाय पर चर्चा की जाए तो तनाव दूर करने के लिए घर वालों से मिल जुलकर रहे और अधिक से अधिक समय बिताए, अपने दोस्तों से बात कर ले जो करीबी हैं, किताबें पढ़ना, योगा करना, तथा घर के कामों में माता पिता का हाथ बटाना, कुछ इंस्पायर करने वाली फिल्में जैसे-मैरी कॉम, एमएस धोनी, सुल्तान देख सकते हैं लेकिन इन सबमें सबसे महत्वपूर्ण हैं खेल, खेल को अपनी दिनचर्या में जरूर स्थान दे तनाव दूर करने के लिए ज्यादा सोचना बंद कर दे क्योंकि जो होना है वो तो होगा तो उसे क्या सोचना।
तनाव दूर करने और समय का सही उपयोग के लिए ज्यादा ना सोचकर उस काम पर अमल करें और छोटे छोटे चरणों में काम को करना शुरू करें क्योंकि एपीजे अब्दुल कलाम सर ने कहा हैं की “इंतजार करने वालों को उतना ही मिलता हैं जितना कोशिश करने छोड़ देते हैं” इसलिए कम सोचे और उसपर अमल ज्यादा करें