तनहा
कभी किंचित कोशिश
कभी पूरा प्रयास
किसी का तो हो जाऊँ
बस इतनी थी आस
समय गँवा दिया
हर का होने में
अब अकेला तनहा
बैठा हूँ कोने में
रेखांकन।रेखा
कभी किंचित कोशिश
कभी पूरा प्रयास
किसी का तो हो जाऊँ
बस इतनी थी आस
समय गँवा दिया
हर का होने में
अब अकेला तनहा
बैठा हूँ कोने में
रेखांकन।रेखा