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9 Dec 2022 · 1 min read

तनहा

कभी किंचित कोशिश
कभी पूरा प्रयास
किसी का तो हो जाऊँ
बस इतनी थी आस
समय गँवा दिया
हर का होने में
अब अकेला तनहा
बैठा हूँ कोने में

रेखांकन।रेखा

Language: Hindi
1 Like · 616 Views

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