Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Jun 2022 · 1 min read

तनहाई में

याद दिला देती हैं
मिला देती है उसे मुझसे ,

तन्हाई ख्वाब को हकीकत में
बदलते को कहती मुझसे ,

सुकून से जीना पता चला
जब मैं रहा तन्हाई में ,

सरकस ज़िन्दगी में कुछ पल
खुद के लिए सोचना सिखाती है तन्हाई ।

Language: Hindi
1 Like · 119 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from शिव प्रताप लोधी
View all
You may also like:
एकांत बनाम एकाकीपन
एकांत बनाम एकाकीपन
Sandeep Pande
एक अच्छी जिंदगी जीने के लिए पढ़ाई के सारे कोर्स करने से अच्छा
एक अच्छी जिंदगी जीने के लिए पढ़ाई के सारे कोर्स करने से अच्छा
Dr. Man Mohan Krishna
भारत माता की वंदना
भारत माता की वंदना
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
प्रेम
प्रेम
Dr.Archannaa Mishraa
"जीवन अब तक हुआ
*प्रणय प्रभात*
रिश्ते
रिश्ते
Sanjay ' शून्य'
जीवन का मुस्कान
जीवन का मुस्कान
Awadhesh Kumar Singh
*मकान (बाल कविता)*
*मकान (बाल कविता)*
Ravi Prakash
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
*माँ जननी सदा सत्कार करूँ*
*माँ जननी सदा सत्कार करूँ*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
अन्ना जी के प्रोडक्ट्स की चर्चा,अब हो रही है गली-गली
अन्ना जी के प्रोडक्ट्स की चर्चा,अब हो रही है गली-गली
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
कभी ना होना तू निराश, कभी ना होना तू उदास
कभी ना होना तू निराश, कभी ना होना तू उदास
gurudeenverma198
दर्द को मायूस करना चाहता हूँ
दर्द को मायूस करना चाहता हूँ
Sanjay Narayan
नारी जगत आधार....
नारी जगत आधार....
डॉ.सीमा अग्रवाल
भिनसार ले जल्दी उठके, रंधनी कती जाथे झटके।
भिनसार ले जल्दी उठके, रंधनी कती जाथे झटके।
PK Pappu Patel
मुक्तक
मुक्तक
Mahender Singh
बुद्ध पूर्णिमा के पावन पर्व पर आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं
बुद्ध पूर्णिमा के पावन पर्व पर आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं
डा गजैसिह कर्दम
उम्मीद का दामन।
उम्मीद का दामन।
Taj Mohammad
"मुस्कान"
Dr. Kishan tandon kranti
परिवार का सत्यानाश
परिवार का सत्यानाश
पूर्वार्थ
आपसा हम जो दिल
आपसा हम जो दिल
Dr fauzia Naseem shad
बिहार–झारखंड की चुनिंदा दलित कविताएं (सम्पादक डा मुसाफ़िर बैठा & डा कर्मानन्द आर्य)
बिहार–झारखंड की चुनिंदा दलित कविताएं (सम्पादक डा मुसाफ़िर बैठा & डा कर्मानन्द आर्य)
Dr MusafiR BaithA
जीवित रहने से भी बड़ा कार्य है मरने के बाद भी अपने कर्मो से
जीवित रहने से भी बड़ा कार्य है मरने के बाद भी अपने कर्मो से
Rj Anand Prajapati
कार्य महान
कार्य महान
surenderpal vaidya
"सफर,रुकावटें,और हौसले"
Yogendra Chaturwedi
सादगी मशहूर है हमारी,
सादगी मशहूर है हमारी,
Vishal babu (vishu)
3063.*पूर्णिका*
3063.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
स्वयं से सवाल
स्वयं से सवाल
Rajesh
कानून अंधा है
कानून अंधा है
Indu Singh
कांटा
कांटा
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
Loading...