तनहाई का मौसम भी शायद सुहाना लगता है
तनहाई का मौसम भी शायद सुहाना लगता है
मुहल्ले का हर करीबी लोग अंजाना लगता है
मासूम चेहरे भी किसी की याद में गमगीन है
मुझे तुम्हारी हर एक हरकत बचकाना लगता है
—————-रवि सिंह भारती————–
तनहाई का मौसम भी शायद सुहाना लगता है
मुहल्ले का हर करीबी लोग अंजाना लगता है
मासूम चेहरे भी किसी की याद में गमगीन है
मुझे तुम्हारी हर एक हरकत बचकाना लगता है
—————-रवि सिंह भारती————–