तथागत
ना किसी से द्वेष
ना किसी से ईर्ष्या!
ना किसी से प्रेम
ना किसी से घृणा!
मैं पूरी तरह से
आत्मनिर्भर हूं अब!
ना किसी से आशा
ना किसी से निराशा!
Shekhar Chandra Mitra
ना किसी से द्वेष
ना किसी से ईर्ष्या!
ना किसी से प्रेम
ना किसी से घृणा!
मैं पूरी तरह से
आत्मनिर्भर हूं अब!
ना किसी से आशा
ना किसी से निराशा!
Shekhar Chandra Mitra