तड़फन भरे कुछ मुक्तक
सूरज के बिना कभी सुबह नही होती,
चांद के बिना कभी रात नही होती।
जब तक आपसे मुलाकात न हो जाए,
दिन की कभी शुरुआत नही होती।,
बादल के बिना कभी बरसात नही होती,
तुम्हारे बिना कोई मुलाकात नहीं होती।
समझाते रहेंगे हम हमेशा अपने दिल को,
जब तक तुमसे कोई बात नही होती।।
मुलाकात तो होती है पर बात नही होती,
चांद तो निकलता है,पर चांदनी नही होती।
करे तो करे हम अब क्या करे ए दोस्त,
मिलन तो होता है,पर शुभ रात नही होती।।
आर के रस्तोगी गुरुग्राम