तड़प
मैं अपने माँ बाप के जाने पर इतना अकेला नही पड़ा था
क्योंकि पास में रहने वाला दोस्त जैसा भाई संग में खड़ा था
बीमारी गंभीर है बेटे ने उनके मुझको बतलाया था
मैंने तब उसका हाथ बड़े ही प्यार से सहलाया था
मानो बाप से बिछड़ने का दुख वो सहन कर पाए
अपनी जिम्मेवारियों को सही से वहन कर पाए
जाने से कुछ घंटों पहले ही तो बात हुई थी
डॉक्टर के आने के बाद बताएगा ये बात हुई थी
अगले दिन पता चला कि बातें तो अब यादें रह गयी
सुनते ही दिल ओ दिमाग की नसें सन्न रह गयी
तन्हाई में जिसने तन्हाई का अहसास नही होने दिया
आज वो दोस्त जैसा भाई मुझे तन्हा छोड़ गया
दोस्त जैसे भाई श्री वीरेंद्र कुमार जैन के निधन पर विशेष
वीर कुमार जैन
07 जुलाई 2021
आज मैं पूरी तरह से अकेला हो गया हूँ