तड़पाती यादें
जब छोड़कर जाता है कोई
यादें क्यों छोड़ जाता है
रहता है जिस दिल में वो
तोड़कर उसको क्यों जाता है।।
कोई कह दो उसे ये कि तेरी इन
यादों का करूंगा क्या अब मैं
जो आती रही तेरी ये यादें इस कदर
पल पल, हर पल मरूंगा मैं।।
अच्छा यही होता यादें भी साथ
ले जाता, जो छोड़ गया है
जाने क्यों आज अचानक ही राह
अपनी जिंदगी की मोड़ गया है।।
आदत अपनी डालकर मुझको
यूं दूर जाकर अब सता रहा है
यादों में आकर मेरी, अब हर पल,
अपनी कमी का अहसास जता रहा है।।
जानते हो तुम,नहीं जी सकता,
तुम्हारे बिना मैं अब ये ज़िंदगी,
तुम्हारी यादें कब तक रोकेगी मुझे
छोड़ने से अब ये मेरी ज़िंदगी।।
जुदाई तेरी जीने नहीं देती मुझे
कैसी कश्मकश में डाला है मुझे
जब ख्याल आता है मरने का तो
यादें तेरी, मरने नहीं देती है मुझे।।
यादों के झरोखे से बाहर आकर
संभालो मुझे मेरी ज़िंदगी में आकार
बहुत तड़पा हूं मैं तेरी जुदाई में सनम
अपना बना लो फिर, जिंदगी में आकर।।