– तजुर्बा हुआ है –
– तजुर्बा हुआ है –
होते है लोग आजकल स्वार्थी,
स्वार्थ के बिना कोई किसी का न हुआ है,
बोलने में भी आजकल लोगो का स्वार्थ छिपा है,
गरीब का कोई नही होता ,
अमीर के लिए पीछे यह जहां लगा है,
कोई किसी की अगर कर दे मदद तो उसमे भी उसका स्वार्थ छिपा है,
बिना स्वार्थ के कोई किसी का न कभी हुआ है,
हुए होने एक जमाने में निस्वार्थ भाव से,
आजकल के जमाने में स्वार्थ भरा है,
कहता है भरत आप सभी से,
गहलोत को यह तजुर्बा हुआ है,
✍️ भरत गहलोत
जालोर राजस्थान