तकनीकी संस्कार
बस में खचाखच भीड़ थी। वह अपनी सीट पर बैठा आराम से अपने फोन पर वाटसएप खोलकर संदेश पढ़ रहा था। अचानक उसे अपने एक मित्र का संदेश दिखा। लिखा था- हमें हमेशा बड़े-बुजुर्गों का को सम्मान देना चाहिए। एक वक्त था जब हम संयुक्त परिवार में होते थे और बडों से संस्कार स़्वत: ही मिल जाया करते थे पर आज जमाना बदल गया है। हमारे बड़े बिजी हैें और हम भी। हमें बस आदि में किसी बुजुर्ग या महिला के लिए सीट छोड़ देनी चाहिए, हमें ——”
वह पढ़ता जा रहा था और उसे ये लेख अच्छा लग रहा था। उसने इस लेख पर बहुत अच्छी टिप्पणी लिख भेजी और आगे भी शेयर कर दिया। फिर उसने अपने स्मार्टफोन को अपने बैग में रख लिया। अपनी नजर इधर-उधर दौड़ाई और आँखें बंद कर लीं। पास ही खड़ी बुजुर्ग महिला को उस किशोर ने अनदेखा कर दिया था।
कमलेश गोयत(जींद)