तंबाकू की पुड़िया पर, लिखा है हर इक बात,
तंबाकू की पुड़िया पर, लिखा है हर इक बात,
मगर दिल की चाहतें, करतीं हैं दिल पर वार।
सिगरेट की डिब्बी में, ज़हर छिपा है यार,
इंसानों की नज़रों में, छुपा है दर्द का भार।
शराब की बोतल में, धुंधला सा है जहाँ,
मोहब्बत के जाम में, खो जाए हर कोई यहाँ।
चेहरों पे लिखा होता, दिल के अंदर का हाल,
तो शायद बच पाते, हर इक ज़ख़्म का सवाल।
इंसानी रिश्तों में, फँस जाए जो दिल से यार,
उस दिल के हालत पर, ना कोई करे विचार।
धोखा है ये जीवन, लगतीं हैं मीठी बातें,
खुशियों के झूठे वादे, ले आते हैं आँसू साथ।