Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 May 2023 · 1 min read

*ढूंढ लूँगा सखी*

#justareminderekabodhbalak
#drarunkumarshastriblogger

थक गया हूँ बहुत
कुछ -कुछ टूटा भी हूँ
थी करी कोशिश, हजार
बिखरा मगर, बार- बार ।।

क्या करूँ क्या करूँ क्या …. करूँ
ढूंढ लूँगा सखी
तुझको ढूंढ ही लूँगा, मैं एक दिन
तू न देना भुला तू न देना भुला ।।

जो जाऊँ कहीं बीच में ,
तुझसे बिछड़ , तू न देना भुला

मंजिलें तो आती रहेंगी
आसमां भी सर पे रहेगा
धरती के संग संग
तेरा मेरा, वास्ता भी रहेगा ।।

ढूंढ लूँगा सखी
तुझको ढूंढ ही लूँगा,
मैं एक दिन
तू न देना भुला,
तू न देना भुला ।।

थक गया हूँ बहुत
कुछ -कुछ टूटा भी हूँ
थी करी, कोशिश हजार
बिखरा मगर, बार- बार ।।
बिखरा मगर, बार -बार ।।

आईना तो नहीं मैं ,
जो देख लूँ भविष्य को
जी रहा हूँ फिर भी,
इक आस में
वर्तमान ही है बस,
मिरे सामने ।।

आरजू है तुझसे यही
करना इंतजार , करना इंतजार ।।

ढूंढ लूँगा सखी
तुझको ढूंढ ही लूँगा,
मैं एक दिन
तू न देना भुला,
तू न देना भुला ।।

रास्ते मुड़ गए रास्तों से अगर
हम बनाएँगे फिर से,
नई इक डगर
वादा रहा, वादा रहा,
हाँ ये वादा रहा
पर गुजारिश मेरी,
है बस यही
तू न देना भुला,
तू न देना भुला ।।

थक गया हूँ बहुत
कुछ- कुछ टूटा भी हूँ
थी करी कोशिश, हजार
बिखरा मगर, बार बार ।।

क्या करूँ क्या करूँ क्या …. करूँ ।।

Language: Hindi
261 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from DR ARUN KUMAR SHASTRI
View all
You may also like:
जुते की पुकार
जुते की पुकार
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
नफ़रत सहना भी आसान हैं.....⁠♡
नफ़रत सहना भी आसान हैं.....⁠♡
ओसमणी साहू 'ओश'
प्रियवर
प्रियवर
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
3555.💐 *पूर्णिका* 💐
3555.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
मजदूरों के मसीहा
मजदूरों के मसीहा
नेताम आर सी
शीर्षक - सच (हमारी सोच)
शीर्षक - सच (हमारी सोच)
Neeraj Agarwal
उम्मीद बाक़ी है
उम्मीद बाक़ी है
Dr. Rajeev Jain
पितरों के सदसंकल्पों की पूर्ति ही श्राद्ध
पितरों के सदसंकल्पों की पूर्ति ही श्राद्ध
कवि रमेशराज
Dr arun kumar शास्त्री
Dr arun kumar शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
सहारे
सहारे
Kanchan Khanna
तोहमतें,रूसवाईयाँ तंज़ और तन्हाईयाँ
तोहमतें,रूसवाईयाँ तंज़ और तन्हाईयाँ
Shweta Soni
इंसानियत का एहसास
इंसानियत का एहसास
Dr fauzia Naseem shad
अच्छे बच्चे
अच्छे बच्चे
अरशद रसूल बदायूंनी
वो किताब अब भी जिन्दा है।
वो किताब अब भी जिन्दा है।
दुर्गा प्रसाद नाग
यही बात समझने में आधी जिंदगी बीत गई
यही बात समझने में आधी जिंदगी बीत गई
Ashwini sharma
रंजीत कुमार शुक्ला
रंजीत कुमार शुक्ला
हाजीपुर
वो
वो
Sanjay ' शून्य'
🙅पूछ रहा दर्शक🙅
🙅पूछ रहा दर्शक🙅
*प्रणय*
सुविचार
सुविचार
Sunil Maheshwari
"सहर होने को" कई और "पहर" बाक़ी हैं ....
Atul "Krishn"
आज के युग में
आज के युग में "प्रेम" और "प्यार" के बीच सूक्ष्म लेकिन गहरा अ
पूर्वार्थ
*पुस्तक समीक्षा*
*पुस्तक समीक्षा*
Ravi Prakash
राह मुझको दिखाना, गर गलत कदम हो मेरा
राह मुझको दिखाना, गर गलत कदम हो मेरा
gurudeenverma198
कैसे गाएँ गीत मल्हार
कैसे गाएँ गीत मल्हार
संजय कुमार संजू
"सावधान"
Dr. Kishan tandon kranti
मेरी माटी मेरा देश 🇮🇳
मेरी माटी मेरा देश 🇮🇳
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
तेरा-मेरा साथ, जीवनभर का ...
तेरा-मेरा साथ, जीवनभर का ...
Sunil Suman
मनमुटाव सीमित रहें,
मनमुटाव सीमित रहें,
sushil sarna
सर्द सा मौसम है धूप फिर से गुनगुनाई है,
सर्द सा मौसम है धूप फिर से गुनगुनाई है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
सभी गम दर्द में मां सबको आंचल में छुपाती है।
सभी गम दर्द में मां सबको आंचल में छुपाती है।
सत्य कुमार प्रेमी
Loading...