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28 Aug 2024 · 1 min read

ढूंढ़ तो लेते अपने रिश्तों को हम,

ढूंढ़ तो लेते अपने रिश्तों को हम,
शहर में भीड़ इतनी भी न थी,
पर रोक दी तलाश हमने,
क्योंकि वो खोये नहीं बदल गए थे।

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