Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Sep 2021 · 1 min read

ढूँढ रहा हूँ तुम्हें (गीत)

ढूँढ रहा हूँ तुम्हें( गीत)
**********************

ढूँढ रहा हूँ तुम्हें हवाओं में जल की लहरों में
(1)
कभी देखता हूँ नीला नभ, दूर – दूर तक फैला
कभी घिरा काले -सफेद बादल से नभ
मटमैला
घटता-बढ़ता चाँद गगन में कितनी बार निहारा
कितनी दूर -पास है धरती से सोचा यह तारा
ढूँढ़ रहा हूँ तुम्हें रात भर- भर दिन दोपहरों में
ढूँढ रहा हूँ तुम्हें हवाओं में जल की लहरों में
(2)
कभी देखता हूँ छोटे-छोटे बच्चे मुस्काते
हरे सुकोमल पत्ते पेड़ों की डाली पर आते
चिड़िया कोयल कौवा नभ में कभी देखता
गाते
कभी देखता हूँ नभ को जल की बूँदे बरसाते
ढूँढ रहा हूँ तुम्हें देस- परदेस गाँव -शहरों में
ढूँढ रहा हूँ तुम्हें हवाओं में जल की लहरों में
(3)
नया रूप नूतन तन लेकर कहाँ बसे
बतलाओ
कौन सुवासित हुआ लोक, तुम जहां हँसे
बतलाओ
वस्तु जगत में नहीं सुलभ वह जो तुम तक पहुँचाऊँ
पंख नहीं हैं उड़ूँ गगन में सात लोक तक
जाऊँ
ढूँढ रहा हूँ तुम्हें साँस के अंतरतम पहरों में
ढूँढ रहा हूँ तुम्हें हवाओं में जल की लहरों में
————————————————–
रचयिता: रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451

Language: Hindi
Tag: गीत
373 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ravi Prakash
View all
You may also like:
चिड़िया
चिड़िया
Dr. Pradeep Kumar Sharma
"जिद"
Dr. Kishan tandon kranti
अर्थव्यवस्था और देश की हालात
अर्थव्यवस्था और देश की हालात
Mahender Singh
*पाई कब छवि ईश की* (कुंडलिया)
*पाई कब छवि ईश की* (कुंडलिया)
Ravi Prakash
नफरतों से अब रिफाक़त पे असर पड़ता है। दिल में शक हो तो मुहब्बत पे असर पड़ता है। ❤️ खुशू खुज़ू से अमल कोई भी करो साहिब। नेकियों से तो इ़बादत पे असर पड़ता है।
नफरतों से अब रिफाक़त पे असर पड़ता है। दिल में शक हो तो मुहब्बत पे असर पड़ता है। ❤️ खुशू खुज़ू से अमल कोई भी करो साहिब। नेकियों से तो इ़बादत पे असर पड़ता है।
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
वो अपनी जिंदगी में गुनहगार समझती है मुझे ।
वो अपनी जिंदगी में गुनहगार समझती है मुझे ।
शिव प्रताप लोधी
দিগন্তে ছেয়ে আছে ধুলো
দিগন্তে ছেয়ে আছে ধুলো
Sakhawat Jisan
3020.*पूर्णिका*
3020.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
પૃથ્વી
પૃથ્વી
Otteri Selvakumar
दिलों में है शिकायत तो, शिकायत को कहो तौबा,
दिलों में है शिकायत तो, शिकायत को कहो तौबा,
Vishal babu (vishu)
खुद में भी एटीट्यूड होना जरूरी है साथियों
खुद में भी एटीट्यूड होना जरूरी है साथियों
शेखर सिंह
🌸 सभ्य समाज🌸
🌸 सभ्य समाज🌸
पूर्वार्थ
घृणा आंदोलन बन सकती है, तो प्रेम क्यों नहीं?
घृणा आंदोलन बन सकती है, तो प्रेम क्यों नहीं?
Dr MusafiR BaithA
तुम तो ठहरे परदेशी
तुम तो ठहरे परदेशी
विशाल शुक्ल
संबंधो में अपनापन हो
संबंधो में अपनापन हो
संजय कुमार संजू
अभिनय से लूटी वाहवाही
अभिनय से लूटी वाहवाही
Nasib Sabharwal
शासक सत्ता के भूखे हैं
शासक सत्ता के भूखे हैं
DrLakshman Jha Parimal
कैसे यकीन करेगा कोई,
कैसे यकीन करेगा कोई,
Dr. Man Mohan Krishna
-अपनी कैसे चलातें
-अपनी कैसे चलातें
Seema gupta,Alwar
* मणिपुर की जो घटना सामने एक विचित्र घटना उसके बारे में किसी
* मणिपुर की जो घटना सामने एक विचित्र घटना उसके बारे में किसी
Vicky Purohit
क्षमा करें तुफैलजी! + रमेशराज
क्षमा करें तुफैलजी! + रमेशराज
कवि रमेशराज
हे गणपति श्रेष्ठ शुभंकर
हे गणपति श्रेष्ठ शुभंकर
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
मगरूर क्यों हैं
मगरूर क्यों हैं
Mamta Rani
Stay grounded
Stay grounded
Bidyadhar Mantry
वो इश्क किस काम का
वो इश्क किस काम का
Ram Krishan Rastogi
दुख के दो अर्थ हो सकते हैं
दुख के दो अर्थ हो सकते हैं
Harminder Kaur
--एक दिन की भेड़चाल--
--एक दिन की भेड़चाल--
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
vah kaun hai?
vah kaun hai?
ASHISH KUMAR SINGH
■ शुभ महानवमी।।
■ शुभ महानवमी।।
*Author प्रणय प्रभात*
अपना मन
अपना मन
Neeraj Agarwal
Loading...