*ड्राइंग-रूम में सजी सुंदर पुस्तकें (हास्य व्यंग्य)*
ड्राइंग-रूम में सजी सुंदर पुस्तकें (हास्य व्यंग्य)
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कई लोगों के ड्राइंग-रूम में शीशे की एक सुंदर-सी अलमारी बनी होती है। इस अलमारी में सुंदर पुस्तकें सजा कर रखी जाती हैं।
सुंदर पुस्तकों से आशय उन पुस्तकों से है, जो अच्छे प्रकाशकों द्वारा बढ़िया रंगीन कवर के साथ प्रकाशित की जाती हैं । इन पुस्तकों का कवर हमेशा बढ़िया होता है। दूर से देखो तो तबियत खुश हो जाए। यह सुंदर पुस्तकें ड्राइंग रूम की अलमारी के सौंदर्य को कई गुना बढ़ाती हैं, जिससे ड्राइंग रूम में बैठने वाले व्यक्तियों को सुंदरता का आभास होता है। जिस व्यक्ति का ड्राइंग रूम है, उसकी सुंदर अभिरुचि भी इन पुस्तकों, माफ कीजिए, सुंदर पुस्तकों के द्वारा प्रकट होती है।
चलते-चलते आपको यह भी बता दें कि ड्राइंग रूम का अभिप्राय घर के उस कमरे से है जिसमें केवल औपचारिक रूप से आने वाले मेहमानों को बिठाया जाता है। उनसे गपशप और वार्तालाप होता है तथा सुंदर चाय-नाश्ते का आयोजन भी होता है।
गृह-स्वामी इसके अलावा ड्राइंग रूम में कभी नहीं बैठते। इन सब बातों से आप समझ सकते हैं कि ड्राइंग रूम में सुंदरता-पूर्वक रखी गई सुंदर पुस्तकों को पढ़ने का समय भला गृह-स्वामी को कैसे मिल सकता है ?
बात भी बिल्कुल सही है। ड्राइंग रूम में सजा कर रखी गई सुंदर पुस्तकें केवल सौंदर्य की अभिवृद्धि के लिए ही रखी जाती हैं । उन्हें पढ़ता कौन है ! बस हॉं ! उनका नाम और कवर देखा, अच्छी लगीं और ड्राइंग रूम में स्थान मिल गया।
बड़े लोगों के ड्राइंग-रूम में किसी लेखक की पुस्तक अगर सुशोभित है, तो यह पुस्तक का अहोभाग्य है या बदकिस्मती, कहना कठिन है।
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लेखक: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश मोबाइल 9997615451