डॉ.रघुनाथ मिश्र के दो मुक्तक :
मुक्तक द्वय
1. आगामी
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आगामी वर्ष का, स्वागत करेंगे हम.
करें कोशिश मिटे, संसार से हर गम.
प्रलय से पूर्व गर, हो जायेगा प्रलय,
होगा सौभाग्य, मिट जायेगा अहम.
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2. गत
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गत में न देख रे.
खुद बना रेख रे.
है तुझे निरखना,
मत मीनमेख रे.
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@ डॉ.रघुनाथ मिश्र ‘सहज’
अधिवक्ता/साहित्यकार
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