Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 May 2018 · 2 min read

चुनिंदा बाल कविताएँ (बाल कविता संग्रह)

चुनिंदा बाल कविताएँ
*****************
1.
हम
जब तक
मैं
मैं रहूंगा
और
तुम
तुम रहोगे
देश बंटता जाएगा।
जब
मैं
मैं न रहूंगा
और
तुम
तुम न रहोगे
हम मिलकर रहेंगे.
देश बढ़ता जाएगा
——
2.
प्यारा भारत देश हमारा
प्यारा भारत देश हमारा
सबसे प्यारा सबसे न्यारा.
वन्दे मातरम राष्ट्रगीत
जनगन राष्ट्रगान हमारा.
तीन रंगों का ध्वज हमारा
केसरिया, श्वेत और हरा.
केसरिया त्याग, श्वेत शान्ति का
समृद्धि का प्रतीक है हरा.
प्यारा भारत देश हमारा
सबसे प्यारा सबसे न्यारा.
हिन्दू मुस्लिम सिक्ख ईसाई
रहते यहाँ जैसे भाई-भाई.
विविध संस्कृतियों का सम्मिलन
दिखता जिनमें अजब अपनापन.
माँ के आँचल सामान
हम सबको है ये प्यारा.
इसकी धरा पर तो हमारा
तन-मन-धन न्योछावर सारा.
हरा-भरा है इसकी धरा
दिखे अद्भुत, अनुपम नजारा.
प्यारा भारत देश हमारा
सबसे प्यारा सबसे न्यारा.
——
3.
चलो स्कूल
खेलना कूदना
उधम मचाना
प्यारे बच्चों जाओ भूल।
घंटी बजी
बस्ता सजी
चलो चलो जी स्कूल।
पुस्तक उठाओ
पाठ पढ़ो
मिटे जिससे अज्ञानता का शूल।
——
4.
करो पढ़ाई
बीत गयी अब गर्मी छुट्टी
बज उठी टन-टन घंटी.
स्कूल के द्वार फिर खुले
चले पढ़ने बच्चे सभी.
कॉपी कालम और टिफिन
स्कूल बैग में हैं भरे सभी
ये ही देश के भविष्य हैं
जो अज्ञानता से न डरें कभी.
तुम भी मेरे प्यारे बच्चों
मन लगाकर खूब पढ़ना
आलस्य को त्याग कर
अपना भाग्य स्वयं गढ़ना.
——
5.
जुगनू
अंधेरे के खिलाफ
लड़ता है जुगनू।
संकट में न घबराने की
सीख देता है जुगनू।
घोर निराशा में भी
उम्मीद की किरण
जगाता है जुगनू।
——
6.
गर्मी आई.
सर्दी को देकर विदाई
लो भैया अब गर्मी आई.
मोज़े-मफलर, कोट रजाई
शाल-स्वेटर, छोड़ो भाई.
चाय-कॉफी की हो गई छुट्टी
आइसक्रीम-कुल्फी की आई बारी.
गर्मी के संग परीक्षा भी आई.
बच्चों करो तुम खूब पढ़ाई
पास हुए, तो मिलेगी बधाई
वरना होगी खूब खिंचाई.
सर्दी को देकर विदाई
लो भैया अब गर्मी आई.
——
7.
त्यौहार
त्यौहार हमारे बड़े निराले
राखी, रंग और दीपों वाले।
पोंगल, ईद, दीवाली, क्रिसमस, बैसाखी
मिलजुल कर मनाते हैं हम सभी।
शत्रुता मिटाकर मित्रता बढ़ाते
मिलजुल कर रहने का पाठ पढ़ाते।
त्यौहार जीवन में उल्लास भरता
तभी तो हमें इनका इंतजार रहता।
——
8.
मेहनत
सोचते रहने से
सोते रहने से
बैठे रहने से
गाल बजाने से
कुछ हासिल नहीं होता है।
जग हँसाई होती है।
समय बीत जाता है।
बाद में पछताना पड़ता है।
मेहनत करने से ही
कार्य सम्पन्न होता है।
लक्ष्मी घर आती है।
समाज में इज्जत मिलती है।
मानो मेरा कहना सभी
रोना-धोना छोड़ो अभी
करो तुम कुछ ऐसा काम
जग में हो जिससे नाम।
9.
सफलता
अब तक क्या किया
मत सोच उस पर
आगे क्या करना है
सोच जरूर उस पर
सफलता क्यों नहीं मिली
उन कारणों का पता कर
अगर सफलता पानी है
तो उन्हें दूर कर
जीवन एक संघर्ष है
हमें इसमें जीतना है
आलस्य को छोड़कर
निरंतर लक्ष्य की ओर
कदम बढाते जाना है.
डॉ. प्रदीप कुमार शर्मा
विद्योचित लाईब्रेरियन
छत्तीसगढ़ पाठ्यपुस्तक निगम
छ.ग.माध्यमिक शिक्षा मंडल परिसर
पेंशनबाड़ा, रायपुर (छ.ग.) पिन 492001
मोबाइल नंबर 09827914888, 07049590888, 09109131207

1 Comment · 660 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
उनकी तस्वीर
उनकी तस्वीर
Madhuyanka Raj
सीने पर थीं पुस्तकें, नैना रंग हजार।
सीने पर थीं पुस्तकें, नैना रंग हजार।
Suryakant Dwivedi
*क्या देखते हो*
*क्या देखते हो*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
स्वतंत्र नारी
स्वतंत्र नारी
Manju Singh
खामोशी इबादत है ,सब्र है, आस है ,
खामोशी इबादत है ,सब्र है, आस है ,
Neelofar Khan
उम्र के हर पड़ाव पर
उम्र के हर पड़ाव पर
Surinder blackpen
वीर जवान
वीर जवान
Shriyansh Gupta
My luck is like sand
My luck is like sand
VINOD CHAUHAN
रब करे हमारा प्यार इतना सच्चा हो,
रब करे हमारा प्यार इतना सच्चा हो,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
कैसी होती हैं
कैसी होती हैं
Dr fauzia Naseem shad
कुरुक्षेत्र में कृष्ण -अर्जुन संवाद
कुरुक्षेत्र में कृष्ण -अर्जुन संवाद
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
4419.*पूर्णिका*
4419.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मुक्ता सी बौछार के, दिलकश होते  रंग ।
मुक्ता सी बौछार के, दिलकश होते रंग ।
sushil sarna
बचपन
बचपन
Kanchan Khanna
सुहागन की अभिलाषा🙏
सुहागन की अभिलाषा🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
हिसाब सबका होता है
हिसाब सबका होता है
Sonam Puneet Dubey
" यहाँ कई बेताज हैं "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
*नववर्ष*
*नववर्ष*
Dr. Priya Gupta
"उल्फ़त के लिबासों में, जो है वो अदावत है।
*प्रणय*
लोग भय से मुक्त हों  ज्ञान गंगा युक्त हों अग्रसर होतें रहें
लोग भय से मुक्त हों ज्ञान गंगा युक्त हों अग्रसर होतें रहें
DrLakshman Jha Parimal
कीमत दोनों की चुकानी पड़ती है चुपचाप सहने की भी
कीमत दोनों की चुकानी पड़ती है चुपचाप सहने की भी
Rekha khichi
शरद पूर्णिमा
शरद पूर्णिमा
Raju Gajbhiye
होली आने वाली है
होली आने वाली है
नेताम आर सी
Window Seat
Window Seat
R. H. SRIDEVI
"इन्तजार"
Dr. Kishan tandon kranti
*वक्त की दहलीज*
*वक्त की दहलीज*
Harminder Kaur
अपनी हसरत अपने दिल में दबा कर रखो
अपनी हसरत अपने दिल में दबा कर रखो
पूर्वार्थ
रावण न जला हां ज्ञान जला।
रावण न जला हां ज्ञान जला।
मधुसूदन गौतम
तमाशा जिंदगी का हुआ,
तमाशा जिंदगी का हुआ,
शेखर सिंह
*हुस्न तेरा  है  गरूर भरा*
*हुस्न तेरा है गरूर भरा*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
Loading...