डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम पर कविता
चला गया वो आधुनिक;भगवान हमारा।
धरती सूनी हुई है;जग सूना हुआ हमारा।।
चले गए भगवान वो;तो जहाँ सारा रोया है।
देखो यारो मेरे देश ने;कलाम को खोया है।।
देश का सच्चा सपूत;था यारों वही।
भेदभाव से परे;नेक बंदा था वही।।
देता हरदम था जो एकता का पैगाम।
हुई थी जिनसे दुश्मनों की नींद हराम।।
दिया है जिसने देश को परमाणु;वो कलाम है।
उस मिसाइल मैन को यारों;शत्-शत् सलाम है।।
रचयिता-कवि कुलदीप प्रकाश शर्मा”दीपक”
मो.नं.-9628368094,7985502377