डॉ अरुण कुमार शास्त्री – एक अबोध बालक – अरुण अतृप्त
डॉ अरुण कुमार शास्त्री – एक अबोध बालक – अरुण अतृप्त
मित्रों , हमारे जीवन में 3 प्रकार के उप – वास होते हैं , ये उपवास हमें जीवन निग्रह सिखाते हैं । जैसे 1 भोजन का उपवास 2 वाणी का उपवास 3 कर्म का उपवास – अधिकांशत: उपवास का अर्थ , तात्पर्य भोजन से लिया जाता है और उसकी प्रक्रिया से सभी परिचित हैं । लेकिन इस quote के माध्यम से आप अन्य उपवास भी समझ जाएँगे । वाणी का उपवास – अर्थात – दृढ़ प्रतिज्ञ होकर जो व्यक्ति इस उपवास को करता है उसका मन आत्मा और शरीर परमात्मा से सातम्य हो कर शुद्ध हो जाता है । कर्म का उपवास – निष्क्रिय हो कर बैठना सबसे दुरूह कार्य है – कर्म का एक सुनिश्चित समय के लिए परित्याग जो कर सकता है – उसका अपनी 5 इंद्रियों के साथ साथ मन मस्तिष्क और शरीर पर भी नियंत्रण सुनिश्चित हो जाता है – आप खुश रहें – आपका कल्याण हो ।