डॉक्टर अब भगवान नहीं !
एक समय ऐसा भी था,
डॉक्टर भगवान कहे जाते थे,
तकलीफ लोगो की समझते थे,
पीड़ा मरीज़ की वो हरते थे।
गरीब जो कोई आ जाता,
इलाज मुफ्त में भी करते थे।
इंसान को इंसान समझते थे,
संवेदना मन में वो रखते थे।
अब समय बहुत बदल गया,
डॉक्टर पूरा व्यापारी बन गये।
वैध नहीं ये अधिकारी बन गए।
पैसों के लिए कुछ भी करते है,
मुर्दों का भी इलाज ये करते हैं।
इनका बस चले यदि,
ये कुछ भी कर जायेंगे।
जीवित को मृत और,
मृत को जीवित बताएंगे।
अस्पतालों का व्यापार है,
डॉक्टर नहीं दुकानदार हैं।
मरीज सब यहां ग्राहक हैं,
देखो पीड़ित अभिभावक हैं।
स्वस्थ व्यवस्था खराब है,
मरीज होना अभिशाप है।
इस पेशे में वो बात नहीं,
डॉक्टर अब भगवान नहीं।