— डूबता हुआ सितारा हूँ —
इश्क न कर मुझ से
मैं डूबता हुआ तारा हूँ
तेरे महफ़िल में आ गया
बस समझ इक बंजारा हूँ
चल दिया था प्यार करने
तेरी नजर में शायद आवारा हूँ
कभी आजमाया ही नहीं तूने
हो सकता है दर दर का मारा हूँ
ठोकरे खा खा कर
सँभलने की कोशिश की थी
पर प्यार में गम ही मिले
शायद डूबता हुआ सितारा हूँ
अजीत कुमार तलवार
मेरठ