“डिजिटल दुनिया! खो गए हैं हम.. इस डिजिटल दुनिया के मोह में,
“डिजिटल दुनिया! खो गए हैं हम.. इस डिजिटल दुनिया के मोह में, भूल गए हैं हम..
अपनो का अपनापन व रिश्ते-नाते, नई पीढ़ी के ये बच्चे…
कलम पकड़ना ना सीखे किंतु मोबाइल पकड़ना सीख रहे, डूब रहे हैं हम..
डिजिटल दुनिया के दलदल में परिणाम जिसका भयावह है।
डिजिटल खेल भी अब इंसान कि जान तक आ पहुंचे, स्मरण रहे…
डिजिटल दुनिया के जाल में, किताबों सा एहसास कहीं ओर नहीं।
वो मन कि भावनाएं … पत्रों में जो पहले झलकती थी,
उन पत्रों कि जगह आज डिजिटल गैजेट्स ने संभाल ली है।
तुम लिखना एक पत्र…
इस डिजिटल दुनिया के मोह से दूर हटकर!
तुम लिखना ऐसे गहरे शब्द जो ह्रदय के केन्द्र बिन्दु को जा छुए! पत्र में लिखना तुम…
वो मुलाकातें, वो बातें! जिन्हें पढ़कर ये डिजिटल दुनिया,
मात्र एक छलावा,झूठं,फरेब का पुलिंदा लगे।”