डिज़िटल युग का पदार्पण हो गया! हम द्रुत गति से सफलता के सभी आ
डिज़िटल युग का पदार्पण हो गया! हम द्रुत गति से सफलता के सभी आयामों को छूते चले गए ! मित्रता की परिभाषा बदल गयी ! सिमित परिधियों में मित्रता को बाँधने की चेष्टा धूमिल होती गयी ! उड़ते परिंदों की भाँति सम्पूर्ण क्षितिज को अपना घोषला बना लिया ! सरहद की दीवारें भी हमें रोक न सकीं ! ना भाषा अवरोधक बनी ना परिधान ,परिवेश,रंगरूप और ना हमारी संस्कृति ही मित्रता के आड़े आयी !सम्पूर्ण मित्रता सौरमंडल में परवर्तित हो गया!@परिमल