Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Jan 2017 · 1 min read

*डार्लिंग*

डार्लिंग इससे तो हम
कुंवारे ही अच्छे थे
कम से कम तुम्हें
देखकर
आहे तो
भर लिया करते थे
जब से तुम्हे
बाहों में भरा है
न जाने
मिली है
मुझे
कौन सी सजा है
क्या
शादीशुदा
जिंदगी का
यही मजा है
न जाने
मिल रही
मझे
किस जुल्म
की सजा है
क्या किसी को
देखना भी
गुनाह है ।।
मधुप बैरागी

Language: Hindi
285 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from भूरचन्द जयपाल
View all

You may also like these posts

हॉस्पिटल मैनेजमेंट
हॉस्पिटल मैनेजमेंट
Dr. Pradeep Kumar Sharma
लिबास दर लिबास बदलता इंसान
लिबास दर लिबास बदलता इंसान
Harminder Kaur
एक सत्य यह भी
एक सत्य यह भी
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
मायूस ज़िंदगी
मायूस ज़िंदगी
Ram Babu Mandal
मरना क्यों?
मरना क्यों?
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
जिम्मेदारियां दहलीज पार कर जाती है,
जिम्मेदारियां दहलीज पार कर जाती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
4272.💐 *पूर्णिका* 💐
4272.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
*राखी का धागा एक बॅंधा, तो प्रिय पावन संबंध जुड़ा (राधेश्याम
*राखी का धागा एक बॅंधा, तो प्रिय पावन संबंध जुड़ा (राधेश्याम
Ravi Prakash
नववर्ष नवशुभकामनाएं
नववर्ष नवशुभकामनाएं
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
विडम्बना और समझना
विडम्बना और समझना
Seema gupta,Alwar
‘ विरोधरस ‘---2. [ काव्य की नूतन विधा तेवरी में विरोधरस ] +रमेशराज
‘ विरोधरस ‘---2. [ काव्य की नूतन विधा तेवरी में विरोधरस ] +रमेशराज
कवि रमेशराज
मैं अंधियारों से क्यों डरूँ, उम्मीद का तारा जो मुस्कुराता है
मैं अंधियारों से क्यों डरूँ, उम्मीद का तारा जो मुस्कुराता है
VINOD CHAUHAN
नाथ शरण तुम राखिए,तुम ही प्राण आधार
नाथ शरण तुम राखिए,तुम ही प्राण आधार
कृष्णकांत गुर्जर
वो
वो
Sanjay ' शून्य'
शीर्षक:ये ढलती सी शाम
शीर्षक:ये ढलती सी शाम
Dr Manju Saini
एक अलग ही खुशी थी
एक अलग ही खुशी थी
Ankita Patel
तीसरी बेटी - परिवार का अभिमान
तीसरी बेटी - परिवार का अभिमान
Savitri Dhayal
"वाह जमाना"
Dr. Kishan tandon kranti
सत्य सत्य की खोज
सत्य सत्य की खोज
Rajesh Kumar Kaurav
यूएफओ के रहस्य का अनावरण एवं उन्नत परालोक सभ्यता की संभावनाओं की खोज
यूएफओ के रहस्य का अनावरण एवं उन्नत परालोक सभ्यता की संभावनाओं की खोज
Shyam Sundar Subramanian
बुंदेली दोहे- गउ (गैया)
बुंदेली दोहे- गउ (गैया)
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
बेटा
बेटा
Neeraj Agarwal
कोसों लंबी ख़ामोशी,
कोसों लंबी ख़ामोशी,
हिमांशु Kulshrestha
निर्गुण सगुण भेद
निर्गुण सगुण भेद
मनोज कर्ण
मिलती नहीं खुशी अब ज़माने पहले जैसे कहीं भी,
मिलती नहीं खुशी अब ज़माने पहले जैसे कहीं भी,
manjula chauhan
"छुट्टी का दिन, सुहाना मौसम, एक नए दिन की शुरुआत और नकारात्म
*प्रणय*
मां शारदे
मां शारदे
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
आकलन
आकलन
Mahender Singh
*शाम ढले यादों का अंबर आता है*
*शाम ढले यादों का अंबर आता है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
होती है
होती है
©️ दामिनी नारायण सिंह
Loading...