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22 Oct 2019 · 1 min read

डल गए चुनावी वोट

डल गए हैं चुनावी वोट
किसको मिली है सपोर्ट
डंके की लगी है जो चोट
किसमें कितना है खोट

किसकी किस्मत बुलंद
ईवीएम में हो गई है बंद
जनता किस पर रजामंद
उमंग तरंग तीव्र या मंद

चुनावी था हल्ला गुल्ला
शान्त हुआ हर मोहल्ला
पकौड़ा जलेबी रसगुल्ला
ठण्डा पड़ गया है जुमला

भटके रहे थे जो दर दर
गली गली में,हर घर घर
वापिस आए निज घर दर
चिंतन मंथन करें घर पर

मस्तक पर नहीं हैं सुकून
फीका पड़ गया है जुनून
सभी आँकड़ों में मशगूल
हारजीत चिंता में मशगूल

परिणाम अनुमान का दौर
कौनसा दल होगा सिरमौर
किसकी बन जाए सरकार
कौनसा हो जाए दरकिनार

जब खुलेगा ये बंद पिटारा
जीतेगा कोई जाएगा हारा
जो हारा फिरेगा दुखियारा
जो जीता वहाँ मौजें बहारां

हर बार होती उसकी जीत
जो होता मौके का है मीत
सदियों से चल रही है रीत
जनता हारे, ना होती जीत

सुखविंद्र सिंह मनसीरत

Language: Hindi
482 Views
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