Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Feb 2023 · 1 min read

डर

डर
********
हमारे देश के नेताओं, राजनीतिक दलों की
अपनी कोई सटीक विचार धारा नहीं है,
उन्हें अपने ही बनाए नियमों पर भरोसा नहीं
राजनैतिक हितों, सत्ता के लिए वे
गिरगिट की तरह हर रोज रंग बदलते हैं,
विपरीत विचार धारा के साथ लाभ हानि देखकर
कदमताल करते हैं।
विरोधी केवल विरोध की राजनीति करते हैं
नियम, कानून, सिद्धांत से कोसों दूर रहते हैं।
स्वायत्त संस्थाओं को कोसते हैं
जब फैसला उनके विरोध में होता है
फैसला पक्ष में हो तो
उसी के गुणगान करते नहीं अघाते हैं।
सत्ता के लिए सिद्धांत भूल कुर्तकों की आड़ में
कुर्सी हथियाते हैं।
कल तक जिस पर तरह तरह के आरोप लगाते थे
अपराधी, भ्रष्ट, कातिल जैसे बड़े तमगों से नवाजते थे
अपनी पार्टी में आते ही उसे
ईमानदार और पाक साफ संत बताते हैं,
अब तो अपराधियों, माफियाओं का
सुरक्षित ठिकाना ही राजनीति बन गई है,
नेता का ठप्पा लगते ही
सारे नियम कानून बौने हो रहे हैं।
नेताओं का सतत विकास जारी है
आमजन जिये या मरे
देश रहे या गर्त में जाये
ये न इनकी जिम्मेदारी है।
अब तो अपना भी कल अंधकारमय लगता है
राजनीति की आड़ में जाने क्या क्या होगा
यह सोचकर डर लगता है।

सुधीर श्रीवास्तव
गोण्डा उत्तर प्रदेश
८११५२८५९२१
© मौलिक स्वरचित

Language: Hindi
1 Like · 176 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
हम बेखबर थे मुखालिफ फोज से,
हम बेखबर थे मुखालिफ फोज से,
Umender kumar
तल्खियां
तल्खियां
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
हम कितने आजाद
हम कितने आजाद
लक्ष्मी सिंह
ख़ुद से ही छिपा लेता हूं बातें दिल के किसी कोने में,
ख़ुद से ही छिपा लेता हूं बातें दिल के किसी कोने में,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
राम राज्य
राम राज्य
Shashi Mahajan
तेरी धरती का खा रहे हैं हम
तेरी धरती का खा रहे हैं हम
नूरफातिमा खातून नूरी
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Neelofar Khan
अन्तर्राष्टीय मज़दूर दिवस
अन्तर्राष्टीय मज़दूर दिवस
सत्य कुमार प्रेमी
2950.*पूर्णिका*
2950.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
गरीबी तमाशा
गरीबी तमाशा
Dr fauzia Naseem shad
चांद सी चंचल चेहरा 🙏
चांद सी चंचल चेहरा 🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
Home Sweet Home!
Home Sweet Home!
R. H. SRIDEVI
क्या पता मैं शून्य न हो जाऊं
क्या पता मैं शून्य न हो जाऊं
The_dk_poetry
ठहरी–ठहरी मेरी सांसों को
ठहरी–ठहरी मेरी सांसों को
Anju ( Ojhal )
बदले नजरिया समाज का
बदले नजरिया समाज का
Dr. Kishan tandon kranti
हाथ में उसके हाथ को लेना ऐसे था
हाथ में उसके हाथ को लेना ऐसे था
Shweta Soni
नामुमकिन
नामुमकिन
Srishty Bansal
ना आसमान सरकेगा ना जमीन खिसकेगी।
ना आसमान सरकेगा ना जमीन खिसकेगी।
Lokesh Sharma
कभी कभी
कभी कभी
Mamta Rani
धधक रही हृदय में ज्वाला --
धधक रही हृदय में ज्वाला --
Seema Garg
तुलसी युग 'मानस' बना,
तुलसी युग 'मानस' बना,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
*मेरा वोट मेरा अधिकार (दोहे)*
*मेरा वोट मेरा अधिकार (दोहे)*
Rituraj shivem verma
सत्यम शिवम सुंदरम
सत्यम शिवम सुंदरम
Madhu Shah
मकर संक्रांति -
मकर संक्रांति -
Raju Gajbhiye
Price less मोहब्बत 💔
Price less मोहब्बत 💔
Rohit yadav
रोशनी
रोशनी
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
"पापा की परी"
Yogendra Chaturwedi
The Magical Darkness
The Magical Darkness
Manisha Manjari
अब मै ख़ुद से खफा रहने लगा हूँ
अब मै ख़ुद से खफा रहने लगा हूँ
Bhupendra Rawat
गोंडीयन विवाह रिवाज : लमझाना
गोंडीयन विवाह रिवाज : लमझाना
GOVIND UIKEY
Loading...