डर, साहस, प्रेरणा,कामुकता,लालच,हिंसा,बेइमानी इत्यादि भावनात्
डर, साहस, प्रेरणा,कामुकता,लालच,हिंसा,बेइमानी इत्यादि भावनात्मक अवयव मस्तिष्क से ही पैदा होते है जो आपके शरीर और बाहरी कारकों से परावर्तित होकर आप पर प्रभाव डालते है जैसे यदि कोई व्यक्ति अंदर से डरा हुआ है तो पत्तियों की सरसराहट में भी उसे डर का एहसास होता है दूसरे के पास किसी वस्तु को देखकर मन में लालच पैदा होता है ऐसे सारे परावर्तन आपके मस्तिष्क पर प्रभाव डालते हैं जिसका असर शरीर पर परिलक्षित होता है।
RJ Anand Prajapati