डर किस बात का
डर किस बात का जो दूर मंजिल है।
क्या हुआ ग़र राह बहुत मुश्किल है।
आगे बढ़ा कदम, हौंसला मत हार
देखना कामयाबी आयेगी तेरे द्वार।
यही अजीयतें बनायेगी तुझे मजबूत
मंजिल तक पहुंचने का यही सबूत।
राह बदलने का, डर कर मत सोच
टूटते नहीं वो ,जो रखते हैं कुछ लोच।
जीवन भर की मुश्किलें देगी सबक।
ऊंचा उठेगा तू करेगा खुद पे रश्क।
सुरिंदर कौर