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13 Oct 2024 · 1 min read

“डर का माहौल नहीं, घर का माहौल दीजिए ll

“डर का माहौल नहीं, घर का माहौल दीजिए ll
दिल के सारे खिड़की दरवाजे खोल दीजिए ll

सांस लेने से ही जुबान पर स्वाद आ जाए,
वातावरण में इतनी मिठास घोल दीजिए ll

खुद को पशुता से बचाने के लिए,
पशु-पक्षियों से भी मेल-जोल कीजिए ll

मेरे दिल में सभी के लिए सिर्फ प्रेम भरा है,
यकीन न हो तो, दिल में आकर टटोल लीजिए ll

जो आपसे सिर्फ और सिर्फ प्रेम चाहते हैं,
उनसे आप क्या चाहते हैं, बोल दीजिए ll”

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