डमरू घनाक्षरी
डमरू घनाक्षरी-8/8/8/8 अमात्रिक शब्द
घटत अतल जल,बढ़त उमस पल,
जलत अचर चर,गरम सहत जग।
चम चम चमकत,नज़र न ठहरत,
तन जल छलकत,तपत रहत मग।
थम थम धड़कन,भटकत तन मन,
डरपत हर क्षण,जलत चलत पग।
सघन जलद नव,गमन करत नभ,
हरस दरस उर, उमगत नर खग।।
डाॅ बिपिन पाण्डेय