डमरू घनाक्षरी (भजन)
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जप भगवन लय , दरश तड़प रख।
चरनन सर रख , मन हर हर कर।।
यह मन नटखट, मन अब तरसत।
नयनन जल भर, जनम सफल कर।।
उर तड़पत अब, कर रख सर पर।
लगत सकल जग,अब बस जर जर।।
भजन डगर धर, सफल उमर कर।
डगर न भगवन , इधर उधर कर।।
◆◆अशोक शर्मा 16.05.21◆◆