डमरू की डम डम होगी, चारो ओर अग्नि प्रहार।
डमरू की डम डम होगी, चारो ओर अग्नि प्रहार।
पुष्पों की वर्षा होगी, यम करेंगे स्वयं विहार।
ऐसा तांडव होगा, जगत करेगा त्राहिमाम।
नहीं मोह माया का, नहीं मोह काया का।
स्वाभिमान खंडित हुआ, कुछ न मैंने पाया।
मृत्यु शैय्या सजा दो, करना है मुझको विश्राम।
श्याम सांवरा….