डबूले वाली चाय
डबूले वाली चाय का मज़ा तुम क्या जानो ?
मिट्टी की सौंधी खुशबू के साथ भाप वाली
कड़क चाय का मज़ा तुम क्या जानो ?
कँपकपाती सर्दी में हर चुस्की में जान डालती
चाय का मज़ा तुम क्या जानों ?
चाय के साथ धर्म ,राजनीति ,
कानून व्यवस्था और महंगाई पर
चर्चा का मज़ा तुम क्या जानो ?
चाय की हर चुस्की के साथ लगता है
ज्ञान चक्षु खुल रहे हैं ,
अब तक अनिभिज्ञ थे जिन बातों से
चाय पर चर्चा से वे बंद कपाट अब खुल रहे हैं ,
जब चाय के साथ गरमा गरम पकौड़ी भी हो तो
चाय का मज़ा दुगना हो जाता है ,
बैठे ठाले बोरियत दूर होती है ,
ज्ञानवर्धन भी हो जाता है ।