,…ठोस व्यवहारिक नीति
बहुत जरूरी है अर्थव्यवस्था
की खोई हुई चाबी की खोज
वर्ना हर आदमी के जीवन में
दुश्वारियां बढ़ती जाएंगी हर रोज
कुटीर,लघु उद्योगों के लिए सरकार
को बनानी होगी ठोस व्यवहारिक नीति
तभी और मजबूत हो सकेगी देश
की आर्थिक विकास की रणनीति
देश के आम लोगों को मिलेंगे तब
रोजगार के अवसर भी भरपूर
युवाओं के चेहरों पर छाई हताशा
को भी तब हम सब कर सकेंगे दूर
देश के कार्य बल में वृद्धि का जब
सपना हो जाएगा सचमुच साकार
तब हर तरह से बढ़ेगा देश में अपनी
अर्थव्यवस्था का वास्तविक आकार