ठोकर खाया हूँ
जिन गलियों से वाकिफ था मैं,
आज वहीं से ठोकर खाया हूँ।
वर्षों प्यार निभाया जिससे,
आज उसी से बेवफा कहलाया हूँ।
जिन गलियों को अपना कहता था,
आज वहीं से दर्द पाया हूँ।
एक वक्त था जब वह
मुझे अपना कहा करते थे।
आज उन्हीं गलियों से मै
पराया बतलाया गया हूँ।
अजनबी बतलाकर उन गलियों से
मै आज वहाँ से ठुकराया गया हूँ।
अनामिका