ठेका प्रथा
ठेका प्रथा
सरकारी काम में ठेका सफल प्रयोग है,
सरकार की नज़रों में नया उद्योग़ है।
ठेका प्रथा देश में व्यापक हो गई है,
और तो और जानवरों में भी पनप रही है।
साँपों ने डसना छोड़ दिया है,
इस काम के लिए इंसान नियुक्त किया है।
कुत्तों ने खुद भोंकना छोड़ इंसान रख लिए हैं,
अच्छी तरह ठोक पीट और परख लिए हैं।
कुत्तों ने भोंकने का ठेका अब इंसान को दिया है,
और कुत्तों ने यूँ ही नाहक भोंकना छोड़ दिया है।
ये कुत्तों से वफ़ादारी सीख जी जान झोंक रहे हैं,
और दिनभर कुत्तों से भी अच्छा भोंक रहे हैं।
जिस काम के लिए बना था इंसान उसने वो छोड़ दिया,
या तो निक्कमा हो गया या दूसरे का काम पकड़ लिया।
लगता है उसका भी सोफ्टवेयर बिगड़ गया है,
तभी तो बनाने वाला भी चक्र में पड़ गया है।