ठुकराने नहीं दूंगा
अपनी मोहब्बत को ठुकराने नहीं दूंगा
अहदे वफ़ा तोड़ के यूं जाने नहीं दूंगा
अपनी गलत बयानी से बाज़ आ जाओ
आग नफ़रत की मै भड़काने नहीं दूंगा
फानूस बनके करता रहूंगा मैं हिफाज़त
ये चिराग़ आंधियों को बुझाने नहीं दूंगा
खुद जलके चाहे खाक क्यूं ना हो जाऊं
वतन की आन पर आंच आने नहीं दूंगा