ठिठुर रहा है देश
ठिठुर रहा है ठण्ड से, …….पूरा भारत देश !
बदला-बदला सा लगे, जगह-जगह परिवेश !!
पानी पूरा जम गया,………झरने लगें पहाड़ !
और करो तुम आदमी,कुदरत से खिलवाड !!
रहें ठण्ड में भी सदा ,…रक्षा को तैयार !
प्यारे सैनिक देश के, तेरी जय जयकार !!
कैसे होती ठंड कम, जमी अगर है ओस !
बादल बैरी हो गये,..सूरज को मत कोस !!
रमेश शर्मा.