ठिकाने हैं कहां?
खोज रहे हैं बरसों से ठिकाने हैं कहां?
नगरों में चौराहों पर,
बंद पड़ी दीवारों पर,
हो सुख चैन की बरसात जहां
हो भाईचारा भर भर के वहां
लेकर नजरों में रोशनी अपार
कर रहें सुखमय ठिकाने की तलाश
कहां मिले वो,
कैसे मिले वो,
बहानों को लगाकर किनारे
संघर्षभरी रोशनी सजाकर
भरा हुआ हों प्यार जहां
मन में हों अटूट विश्वास जहां।