ठहर ठहर ठहर जरा, अभी उड़ान बाकी हैं
ठहर ठहर ठहर जरा, अभी उड़ान बाकी हैं
आत्म जोश अंतः स्थल, समर्पण सम्मान बाकी हैं
समय वंदनी हैं समय सर्व व्यापी, समय सर्व संगम, समय तीर्थ गंगा
महत्तम निम्नतम अंतः स्थल, केंद्र बिंदु अम्बक दृगंब बहे तीर्थ गंगा।
ठहर ठहर ठहर जरा, अभी उड़ान बाकी हैं
आत्म जोश अंतः स्थल, समर्पण सम्मान बाकी हैं
समय वंदनी हैं समय सर्व व्यापी, समय सर्व संगम, समय तीर्थ गंगा
महत्तम निम्नतम अंतः स्थल, केंद्र बिंदु अम्बक दृगंब बहे तीर्थ गंगा।