ठहर जाओ ना…
कुछ पल के लिये ही सही
ठहर जाओ ना,
हकीकत में तो मुमकिन नहीं
मगर ख्वाबों में आओ ना
यूँ खामोश मत रहो
लफ्ज अपने सुनाओ ना
बेसब्र हूँ मिलने को तुमसे
आवाज देकर बुलाओ ना
हकीकत में तो मुमकिन नहीं
मगर ख़्वाबों में आओ ना।
कुछ पल के लिये ही सही
ठहर जाओ ना,
हकीकत में तो मुमकिन नहीं
मगर ख्वाबों में आओ ना
यूँ खामोश मत रहो
लफ्ज अपने सुनाओ ना
बेसब्र हूँ मिलने को तुमसे
आवाज देकर बुलाओ ना
हकीकत में तो मुमकिन नहीं
मगर ख़्वाबों में आओ ना।