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1 Feb 2017 · 1 min read

ट्रैफिक सेंस

मार्ग पर जब दो सवारों का संतुलन खो जाता है
तभी एक गंभीर आकस्मिक दुर्घटना का जन्म हो जाता है
असहनीय पीड़ा सहकर कभी कोई बच जाता है
कभी कोई बेगुनाह प्राण छोड़ने को विवश हो जाता है
क्यों खोते हैं सवार संतुलन यह प्रश्न दिमाग में आता है
कोई तीव्रगति में कोई ध्यान रहित होकर जब वाहन चलाता है
कोई नशे में चूर अथवा फ़ोन पर बातचीत में व्यस्त हो जाता है
तब वाहन चालिता से उसका ध्यान भंग हो जाता है
और कोई बेचारा दुर्घटनाग्रस्त होकर छटपटाता है
कोई किसी अन्य राहगीर अथवा सवार को रास्ता क्यों नहीं दे पाता है
क्यों पहले मैं जाऊं की मानसिकता का परित्याग नहीं कर पता है
अपने अपने क्रम में बढ़ने से क्यों कतराता है
किसी अनहोनी को होने से पहले ही क्यों नहीं रोक पाता है
सवार बनने से पूर्व यातायात नियमों को कंठस्थ करने से क्यों कोई घबडाता है
क्यों यातायात कानून के उल्लंघन की प्रक्रिया को दोहराता है
मार्ग यातायात विभाग हो ट्रैफिक पुलिस हो वाहन चालक हो या राहगीर
उचित उत्तरदायित्व निभाने में हर कोई क्यों पीछे रह जाता है

Language: Hindi
1 Like · 341 Views

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