टेढ़ी-मेढ़ी जलेबी
टेढ़ी-मेढ़ी मुड़ी हुई,
रस में भिगोई कुरकुरी,
कितनी अदभुत है मिठाई,
देख कर मुंँह में पानी आए,
तरह-तरह की जलेबी बनती,
मुंँह मीठा कर खुशियांँ घर आती,
रबड़ी संग लाजवाब हो जाती,
दही के संग बढ़िया स्वाद बनाती,
मांँ के हाथों की जलेबी,
रस टपक जाए खाओ अलबेली,
सभी के मन में बसती है जलेबी,
टेढ़ी-मेढ़ी रहस्य बनी है जलेबी ।
??
* बुद्ध प्रकाश,
** मौदहा हमीरपुर।